Saturday 1 April 2017

मरमरी अहसास सा बंधन अनोखा हो गया...




मरमरी अहसास सा, बंधन अनोखा हो गया...
झील सी आँखों में उसके, उम्र भर को खो गया...
सुरमयी संगीत जैसे, घुल रहा हो फिज़ाओ में...
उसकी बातें वो ही जाने, मैं उसी का हो गया...

....©रवीन्द्र पाण्डेय💐💐

1 comment:

पल दो पल के साथ का.....

पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी रहा... ------------------------***-------------------- पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी...